Thursday 13 March 2014

गुमशुदा की तलाश में एक इश्तिहार ...



अक्कड़-बक्कड़-बम्बे गुम, अस्सी-नब्बे-सौ भी गुम
मुझमे कहीं हुआ करता था, भोला-भाला बच्चा, गुम

अब भी यहाँ उड़ा करती हैं, आसमान में कई पतंगें
लावारिस गिर जाती हैं, लूटन वाला बच्चा गुम

देखो तो दिख जाएगा, जुगनू अब भी चमचम है 
पीछे-पीछे भगने वाला, तकने वाला, बच्चा गुम 

उस बुढ़िया की बड़बड़ में, शायद एक कहानी हो 
अब भी कुछ तो कहती है, सुनने वाला बच्चा गुम 

झिलमिल करते तारों को, जोड़-जाड़ कर देखो तो 
एक धनुष बन जाता है, गिनने वाला बच्चा गुम 

मैं भी गुम, तू भी गुम, कितने गुमसुम लगते हैं 
बिना वजह की बातों पर, हँसने वाला बच्चा गुम 

Tuesday 11 March 2014

ककहरा

तोर ककहरा क-ख-ग-घ
मोर ककहरा साजन 
तै बांछेगा ए-बी-सी-डी
मैं भज लूँगा साजन

फस्ट क्लास तै पास भया
मैं लाया सेकेन डिवीजन 
तेरी झोली कागज़-पत्तर 
मेरी झोली साजन