Saturday 2 December 2017

कॉकरोच और प्रेम पे पड़े लोग

मुझे ज़मीन पर रेंगते कॉकरोचों को
औंधे मुह पलट देना
और उन्हें बिलबिलाते देखना
बड़ा सुकून देता है
अच्छा लगता है
देखकर
कि प्रेम में पड़े लोगों जितना
बेबस जानवर
कोई और भी होता है
कॉकरोच और
प्रेम पे पड़े लोग
कभी नहीं मरते
वो सह जाते हैं
बड़े से बड़ा नयूक्लियर अटैक
और उम्मीद की अफ़ीम खाकर
जी जाते हैं, जैसे तैसे, ये ज़िंदगी
अपनी ज़िद में
बिलबिलाते
कुलबुलाते
तिलमिलाते
छटपटाते