याद है? ...
तुम्हें मैथ्स पसंद थी
लेकिन तुम्हारे खूंसठ बाप ने
तुम्हें दसवीं आते-आते
बायोलॉजी की गिरफ़्त में डाल दिया
और तुम मेंढक का पेट चीर-फाड़ कर
उसके मरे-बदबूदार-लिजलिजे शरीर को
माइक्रोस्कोप से देखती पढ़ती रही
मुझे बायोलॉजी पसंद थी
लेकिन मेरे इंजिनियर बाप ने
मुझे नवीं गुज़रते ही
गणित के पल्ले बाँध दिया
और मैं केसियो के कैलकुलेटर पे चढ़कर
सिंपल इंट्रेस्ट के कॉम्प्लेक्स सवाल
बग़ैर किसी इंट्रेस्ट हल करता रहा
आज,
दसवीं के कुछ बीस साल बाद
जब तुम अपने थुलथुल मरद की
तोंद की बायोलॉजी संभाल रही हो
और मैं अपनी टिपटॉप बीवी के
सोने के जेवरों के गणित में उलझा हूँ
तब,
"क़सम गैलीलियो की"
लाज़मी है
ये सोचना,
कि मेरे तुम्हारे
काइयाँ से दिखने वाले बाप
ग़ज़ब दूरदर्शी थे!
लेकिन तुम्हारे खूंसठ बाप ने
तुम्हें दसवीं आते-आते
बायोलॉजी की गिरफ़्त में डाल दिया
और तुम मेंढक का पेट चीर-फाड़ कर
उसके मरे-बदबूदार-लिजलिजे शरीर को
माइक्रोस्कोप से देखती पढ़ती रही
मुझे बायोलॉजी पसंद थी
लेकिन मेरे इंजिनियर बाप ने
मुझे नवीं गुज़रते ही
गणित के पल्ले बाँध दिया
और मैं केसियो के कैलकुलेटर पे चढ़कर
सिंपल इंट्रेस्ट के कॉम्प्लेक्स सवाल
बग़ैर किसी इंट्रेस्ट हल करता रहा
आज,
दसवीं के कुछ बीस साल बाद
जब तुम अपने थुलथुल मरद की
तोंद की बायोलॉजी संभाल रही हो
और मैं अपनी टिपटॉप बीवी के
सोने के जेवरों के गणित में उलझा हूँ
तब,
"क़सम गैलीलियो की"
लाज़मी है
ये सोचना,
कि मेरे तुम्हारे
काइयाँ से दिखने वाले बाप
ग़ज़ब दूरदर्शी थे!