Wednesday 10 September 2014

'स्प्राउट्स'

कितनी ज़िद्दी हो!

यूं इतने हक़ से
बार-बार
दिल-ओ-दिमाग़ पर
इस तरह पनप आती हो
जैसे चने पर 'स्प्राउट्स'

'नमी' बड़ी बुरी चीज़ है!

दो-चार बूँद भी मिल जाए
तो रेगिस्तान को
गुलिस्ताँ होते
देर नहीं लगती

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