मुझे ज़मीन पर रेंगते कॉकरोचों को
औंधे मुह पलट देना
और उन्हें बिलबिलाते देखना
बड़ा सुकून देता है
औंधे मुह पलट देना
और उन्हें बिलबिलाते देखना
बड़ा सुकून देता है
अच्छा लगता है
देखकर
कि प्रेम में पड़े लोगों जितना
बेबस जानवर
कोई और भी होता है
देखकर
कि प्रेम में पड़े लोगों जितना
बेबस जानवर
कोई और भी होता है
कॉकरोच और
प्रेम पे पड़े लोग
कभी नहीं मरते
वो सह जाते हैं
बड़े से बड़ा नयूक्लियर अटैक
और उम्मीद की अफ़ीम खाकर
जी जाते हैं, जैसे तैसे, ये ज़िंदगी
प्रेम पे पड़े लोग
कभी नहीं मरते
वो सह जाते हैं
बड़े से बड़ा नयूक्लियर अटैक
और उम्मीद की अफ़ीम खाकर
जी जाते हैं, जैसे तैसे, ये ज़िंदगी
अपनी ज़िद में
बिलबिलाते
कुलबुलाते
तिलमिलाते
छटपटाते
बिलबिलाते
कुलबुलाते
तिलमिलाते
छटपटाते
Agli kavita kab publish kar rahe ho bhai ... public wait kar rahi hai
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