Wednesday, 23 April 2014

मोहोब्बत तेरी याद आई

"आज फिर, कुछ-एक मर्तबा, 
मोहोब्बत तेरी याद आई 
हर इक साँस से पहले, 
हर इक साँस के बाद आई "

Monday, 7 April 2014

खलिहान

अबकी उड़ना,
तो दाना लेकर
घोसले को
लौट आने को
मत उड़ना

ये पंछी
जाल में नहीं फसते

ये फसते हैं तो
दाने के ढेर में

दल्हानों में