Monday 10 November 2014

Kissकी चिट्ठी आई ?

पिया हमें अपने होठों से, लिख दो छोटी चिट्ठी
पोस्ट करो हमरे गालों पर बतियाँ मिट्ठी-मिट्ठी
हाल चाल न कहना-सुनना, नाम-पता न लिखना
होठों का हो लाल लिफ़ाफ़ा, ताम-झाम न करना
तुम ही बनो डाकिया, आकर बाँछो, डाक हमारी
सबको जलने-भुनने देना, कहकर बात कँवारी
ऊँचा - ऊंचा बोल के पढ़ना, पास-पड़ोसी सुन लें
हम भी हों बदनाम, कहानी, वो भी थोड़ी बुन लें
रह जाएं हैरान, भला ये "किस" की चिट्ठी आई?
क्यूँ ये लड़की घूम रही है पगलाई - पगलाई ?

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