ये निखिल सचान का रफ़ रजिस्टर है....इसमें उस वक़्त की कविताएँ हैं, जब मुझे लिखने का ख़ास सलीका नहीं था और आज की बातें है, जब आज भी मैं सलीका सीख ही रहा हूँ !
काश ता-उम्र सीखता रहूँ और इसी शौक़ में ज़िंदगी गुज़र जाए
Tuesday, 15 July 2014
वेस्टीजियल ऑर्गन
मोहोब्बत, मेरे यार
"वेस्टीजियल ऑर्गन" है
जो है कुव्वत
तो बचा ले
इससे पहले कि, इसे
इवोल्यूशन पचा ले !
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