वो गौरैया देख रही हो?
जो बारिश में भीग कर
रुई का गुल्ला हो गई है
और अपनी चोंच से
अपने पंखों को
कंघी कर रही है
जो बारिश में भीग कर
रुई का गुल्ला हो गई है
और अपनी चोंच से
अपने पंखों को
कंघी कर रही है
ध्यान से देखो
तुम सी लगती है
तुम सी लगती है
वो लाल रिबन बाँध कर
स्कूल जाती हुए लडकी
जो माँ से चोटी पर
गुडहल के चार फूल बनवाकर
चलती कम,
मटकती जादा है
स्कूल जाती हुए लडकी
जो माँ से चोटी पर
गुडहल के चार फूल बनवाकर
चलती कम,
मटकती जादा है
ध्यान से देखो
तुम सी लगती है
तुम सी लगती है
वो पहेली याद है तुमको?
"हरी थी..मन-भरी थी.."
जिसका ज़वाब 'भुट्टा' था...
उसमें, वो सुनहरी सी लडकी,
जो, राजा जी के बाग़ में
दुशाला ओढ़े खड़ी थी
"हरी थी..मन-भरी थी.."
जिसका ज़वाब 'भुट्टा' था...
उसमें, वो सुनहरी सी लडकी,
जो, राजा जी के बाग़ में
दुशाला ओढ़े खड़ी थी
ध्यान से देखो
तुम सी लगती है
तुम सी लगती है
ये पुरानी फोटो भी देखो न,
जिसमे मेरी माँ
बीस बरस की है,
और कॉलेज बंक मारकर
पहली ब्लैक-एंड-व्हाईट फोटो खिचवाने
कितना सज-धज के
स्टूडियो में आई है
जिसमे मेरी माँ
बीस बरस की है,
और कॉलेज बंक मारकर
पहली ब्लैक-एंड-व्हाईट फोटो खिचवाने
कितना सज-धज के
स्टूडियो में आई है
ध्यान से देखो
तुम सी लगती है
तुम सी लगती है
और ये ढाई साल की बच्ची
जो सोती है, तो
आँखे मिचकाती है
मुह बिचकाती है
और गहरी नींद में
चूस-चूस कर
अपना अंगूठा पिचकाती है
जो सोती है, तो
आँखे मिचकाती है
मुह बिचकाती है
और गहरी नींद में
चूस-चूस कर
अपना अंगूठा पिचकाती है
ध्यान से देखो
तुम सी लगती है
तुम सी लगती है
ये रात
चाँदनी
ख़ामोशी
सुबह
रौशनी
ज़िंदगी
चाँदनी
ख़ामोशी
सुबह
रौशनी
ज़िंदगी
जो भी मैं
देख पा रहा हूँ
देख पा रहा हूँ
ध्यान से देखो
तुम सी लगती है
तुम सी लगती है
No comments:
Post a Comment