Wednesday 20 July 2016

शौहर की तरफ़ से, बीवियों पर एक ललित निबंध

बीवियों को बला की ख़ूबसूरत, अप-टू-डेट होना चाहिए
बीवियों को शौहर के माथे की शान-ओ-गुरूर होना चाहिए
बीवियों को दुनिया भर के देखने की दिलरुबा होना चाहिए
बीवियों को शौहर के आने का इंतज़ार करना चाहिए
बीवियों को शब-ए-रात, शौहर की बेरुखी सहना चाहिए 
बीवियों को चुप-चाप, अन्दर ही अन्दर घुटना चाहिए
बीवियों को चाहते-न-चाहते शौहर के साथ रहना चाहिए
बीवियों को शौहर की बाँहों में दम तोड़ देना चाहिए
बीवियों को शौहर के लिए धरती का स्वर्ग होना चाहिए
बीवियों को, ता-उम्र, कश्मीर होना चाहिए ?

1 comment:

  1. कश्मीर को ता-उम्र बीवियां नही होना चाहिये !

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