मेरे क़ाबिल दोस्त
हम और तुम
फैशन के इस दौर में
'ऐटम बम' की तरह हैं
मेरा और तुम्हारा 'होना'
सिर्फ इसलिए ज़रूरी है
क्यूंकि 'नहीं होने' से
'पड़ोसी' को ग़ुरूर हो जाएगा
कि उसके पास कुछ 'ऐसा' है
जो 'अड़ोसी' के पास नहीं
जैसे 'ऐटम बम'
बस एक 'तमगा' होता है
देश की छाती पर
वैसे ही मैं और तुम
बस एक 'तमगा' हैं
अपने माँ-बाप की छाती पर
पड़ोसी 'माँ-बापों' को दिखाने का
मुह-चिढ़ाने का
कि हाँ भैया
हमारा भी लौंडा
कुछ कम नहीं
'भौंतेइ मारू' चीज है
आज की तारीख़ में
हम तुम
'चुटपुटिया' से भी गए-गुज़रे हैं
साली को छुटाओ
तो कम से कम 'छूटती' तो है
मेरा और तुम्हारा
'होना-या-ना-होना'
'कैच-22' बन गया है
जिससे बचने का अकेला ज़रिया
खुद को
'इनसेन' साबित करना होता है
लेकिन
चूंकि तुम 'इनसेन' हो
इसलिए
'बिंगो' !!
नहीं किया जाएगा
तुम्हारी बात का यक़ीन
इसलिए चुपचाप
एक तमगा बन कर खुश रहो
अपने बाप कि छाती पर
और पड़ोसी को मुह-चिढ़ाने में
बाप की मदद करो
छूटने वाली चुटपुटिया बनकर
क्या ही उखाड़ लोगे
'अड़ोसी-पड़ोसी'
ऐसे ही
सदियों से
दुनिया का सबसे मज़ेदार खेल नहीं हुआ करता
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