Friday 30 August 2013

सस्तैय्या घड़ी

वक्त अच्छा था

जब तलक 
कीमती घड़ियाँ थीं
कलाई में  

सुइयां शीशे में 
मॉडलों के मानिंद
हाई हील पर, शूँ-शाँ 
खटाखट   
कैट-वॉक करती थीं 

अब 
वक्त बुरा है 

क्यूंकि कलाई में
सस्तैय्या घड़ी पड़ी है

जिसकी पतरकी ढीठ सुईयां 
चलती भी हैं तो 
मोटी सुई की कांख से 
अपना टेंटुआ छुड़ाने को 
लाठी पटक-पटक 

घुटनों-घिसट, 
 सरक-सरक 


....कैच या लेटर
घड़ी बदल जाने पर 

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