वक्त अच्छा था
जब तलक
कीमती घड़ियाँ थीं
कलाई में
सुइयां शीशे में
मॉडलों के मानिंद
हाई हील पर, शूँ-शाँ
खटाखट
कैट-वॉक करती थीं
अब
वक्त बुरा है
क्यूंकि कलाई में
सस्तैय्या घड़ी पड़ी है
जिसकी पतरकी ढीठ सुईयां
चलती भी हैं तो
मोटी सुई की कांख से
अपना टेंटुआ छुड़ाने को
लाठी पटक-पटक
घुटनों-घिसट,
सरक-सरक
....कैच या लेटर
घड़ी बदल जाने पर
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