बड़ी दिलचस्प बात है कि
टटपूंजिया रावण
फिर फूंका गया आज
बडके रावणों के हाथ
बडके रावणों ने
नहीं थी चुराई
किसी की लुगाई
बस मज़े मज़े में
या तो थी जलाई
या बस भाड़े पे चढाई
धडाम से गिरने से पहले
रावण ज़ोर से हंसा
दसों सिरों के दसों मुह
और तीन सौ बीस दाँतों से !
No comments:
Post a Comment