एक सरल सी कविता,
किसी मैगजीन या अखबार में
ना छपने वाली कविता,
'सिनिसिज़म', ज्ञान और सीख से बहोत दूर
बचकानी सी कविता
बालों में लाल रिबन बाँधने वाली,
तखती पर सफ़ेद खड़िया से
'इ से इमली' लिखने वाली,
बच्ची की कविता
छाती फूला कर दौड़ने वाले,
चोर-पुलिस के खेल में
गिर कर उठने वाले,
बच्चे की कविता
रोज दफ्तर से सीधा घर लौटने वाले,
एक मुट्ठी कम्पट
और लाल बिंदी लाने वाले,
पिता की कविता
एक था राजा, एक थी रानी सुनाने वाली
मिट्टी के चूल्हे में
सबसे अच्छा दाल-भात बनाने वाली,
माँ की कविता
चौथी कक्षा में सिखाई गई सीनरी,
जिसमें पीछे है पहाड़
और जिसके दरवाजे से निकलती है नदी,
उस घर की कविता
यूं ही हालचाल पूछ लेने वाले,
बिना एजेंडा घर आकर
राम राम कहने वाले
पड़ोसी की कविता
'यूटोपिया' की कविता
'आमीन' की कविता
'इंशा अल्लाह' की कविता
'यूं होता तो क्या होता' की कविता
'ज़रा फ़र्ज़ करो' की कविता
'गोल चश्मे वाले के इमैजिनेशन'की कविता
ना जाने कौन जमाने की कविता
बस दिल बहलाने की कविता
जिस-किसी को भी मिले
तो हर-किसी को लौटाने की कविता
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