Friday 30 August 2013

बहुत दिनों के बाद सजनिया

बहुत दिनों के बाद सजनिया ,
कहा किसी ने कानों में
मिसरी वाली बातें भोली
'मानों या ना मानों ' में 

बहुत दिनों के बाद बलम जी ,
हैरानी में 'फुरसत' है
सिले पड़े हैं , बदन, नहीं जी ,
बित्ता भर भी फ़ुरकत है !

बहुत दिनों के बाद , बदन में ,
दर्द उठा है टूटा सा
राणा जी के काँधे पर है ,
दांत किसी का छूटा सा

बहुत दिनों के बाद चले वो ,
बौरानी-बौरानी है
बिना पिए ही झूम रही है ,
हैरानी-हैरानी है

बहुत दिनों के बाद , फसल से ,
खिले बदन के रोए हैं
घुलते-घुलते होठों में कुछ ,
सौ-सौ चुम्बन खोए हैं

बहुत दिनों के बाद शहर के ,
तापमान में गर्मी है
सूख गया है बदन , आज बस ,
दो होंठों में नरमी है

बहुत दिनों के बाद , हिचकियों से
अब थोड़ी राहत है
आँख मले , हैरान ख़ुदा, कि
किन्नी भोली चाहत है

बहुत दिनों के बाद तुम्हारी ,
बाहों में हम सोए हैं
आज अठन्नी जैसे आंसू
हंसी-खुशी में रोए हैं

बहुत दिनों के बाद , हुआ है यकीं ,
'अजी हम ज़िंदा हैं ! '
एक कुड़ी है , नाम मुहब्बत ,
इश्क़ अभी बाशिंदा है !

बहुत दिनों के बाद हिया में ,
धड़कन नहीं , हरारत है
बंद पड़ गयी धड़कन कब की ,
कुछ तो हुई शरारत है....

बहुत दिनों के बाद सजनिया ...

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