नीली छतरी हैं आप, यार सरकार हैं
हमने सुना है मौला आप भगवान हैं
दुनिया बना के सोए, जागी दरकार है
आप चाहे जो भी करें, सब एहसान है
क्या फ़रक आज मर्यादा तार तार है
आपने तो छुट्टी पा ली ख़्वाजा जो महान हैं
चकला समाज हुआ, जंग भरमार है
पिघलें ना आप क्योंकि पाहन समान हैं
बस जी भरोसा उठा, ऐसे भरतार हैं
आपको दरद काहे आप हलक़ान हैं
पीर भी हमारी अरु चोट भी हमार हैं
आपने तो कह दिया ’बिधि का बिधान है’
छोटे से हिया मे रचा कपट का भार है
मोहरें सजा के चले छोड़ के मैदान हैं
हंस के तमासा देखें, नाहि अधिकार है
काहे रची दुनिया जी मुर्दा-ए-मसान है
पूरे हैं ’सैडिस्ट’ आप रूस के वो ’जार’ हैं
ज़िन्दगी दी भाड़े पे, ये मौत भी लगान है
नीली छतरी हैं आप, यार सरकार हैं
हमने सुना है मौला आप भगवान हैं...
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