Friday 30 August 2013

इश्क़ क्लीशे हुआ तो क्या

इश्क़ क्लीशे हुआ तो क्या ! फ़रमाया करो 
गालों के तिल पे भी कभी दाँव, लगाया करो 

यूँ तो सबको चाँद सा ही दिखता है चाँद 
कभी प्यार से उसे, 'मामा' बुलाया करो 

चिड़ियों को उड़ता देख यूँ, मायूस होते हो 
तबियत से तुम भी तो बाहें फैलाया करो 

वो बच्ची है बड़ी प्यारी, ज़रा सा रूठ जाती है 
उसे चुपके से आकर के, गुदगुदाया करो !

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