Friday 30 August 2013

सारी रात


रात,
स्वप्न की कुबड़ी लुगाई
नयन तले झाईं

रात,
नूर धुली कासी
चांद चढ़ा फ़ांसी

रात,
थकी पलकों की छीलन
अशेष नयनोन्मीलन

रात,
चंदा की मुहदिखाई
तारों की परजाई

रात,
करवट की दुकान
बिकाऊ पागल 'सचान'

रात,
गर्भवती दिमाग
प्रसव पीड़ा की जाग

रात,
सज़ा-ए-आफ़्ता गज़ल
खुदा ना खांसता ,बेदखल

रात,
झींगुर की गवाई
ढूंढी तकिया तले पाई

रात,
तेरे खयालों की चरसी
झपकी भर को तरसी

रात,
सब साली बातें
फ़िर भी ज़ाया रातें

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