ये निखिल सचान का रफ़ रजिस्टर है....इसमें उस वक़्त की कविताएँ हैं, जब मुझे लिखने का ख़ास सलीका नहीं था और आज की बातें है, जब आज भी मैं सलीका सीख ही रहा हूँ ! काश ता-उम्र सीखता रहूँ और इसी शौक़ में ज़िंदगी गुज़र जाए
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You are a writing genius!!!!
ककहरा कही कि का कहीकपाल का कोलाहल करी, कौतूहल करीकलम के कमाल को कोटि कोटि करबद्ध🙏
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ReplyDeleteYou are a writing genius!!!!
ReplyDeleteककहरा कही कि का कही
ReplyDeleteकपाल का कोलाहल करी, कौतूहल करी
कलम के कमाल को कोटि कोटि करबद्ध🙏